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राजेश शर्मा 
मुद्दा गरम है । 
माननीय सभापति …

Ondersteuning

About the book:
व्यक्ति वह सामाजिक प्राणी है जिसे ईश्वर ने सोचने, समझने और अपने विचारों को तार्किक आधार पर अभिव्यक्त करने की विशेष योग्यता प्रदान की है । यदि हमारे तर्कों में आधार , दूसरे के विचारों के प्रति सम्मान , सुनने का धैर्य और वैचारिक स्वीकृति का साहस हो तो फिर आपसी वाद-विवाद से अनेक समस्याओं का बेहतर समाधान तलाश किया जा सकता है । विद्यार्थियों में इसी तार्किक योग्यता का विस्तार करने के उद्देश्य से इस पुस्तक की परिकल्पना ने विस्तार लिया । निःसंदेह ये आरंभ है , अंत नहीं । इन विचारों में सुझाव और विस्तार की असीम संभावनाएं मौजूद हैं । अतः तर्क सहित वैचारिक आलोचना विषय को विस्तार ही प्रदान करेगी और यही इस लेखन का उद्देश्य है ।




धन्यवाद सहित ।

€2.74
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Taal Hindi ● Formaat EPUB ● Pagina’s 72 ● ISBN 9789356104686 ● Bestandsgrootte 2.1 MB ● Uitgeverij Pencil ● Land GB ● Gepubliceerd 2022 ● Downloadbare 24 maanden ● Valuta EUR ● ID 8340521 ● Kopieerbeveiliging Adobe DRM
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